आँखों के रोग
आँखों के रोग ,लक्षण ,कारण ,एवं उपचार
नेत्र रोग के लक्षण
आँख लाल होकर सूज जाती है या आँख से खूब पानी बहता है।
आँखों में खुजलाहट होती है या आँख प्रकाश सहन नहीं कर पाती हैं।
आँख का लाल होना या आँख में दर्द और सूजन होना।
आँख से पानी या कीचड़युक्त चिपचिपा पदार्थ निकलना।
आँख से पानी गिरना या आँख की पलकों में खुजली होना।
कारण
आँखों से धुंधला दिखने का क्या कारण है ?
यह छूत का रोग है।
यह हाथ मिलाने, शारीरिक सम्पर्क आदि कारणों से यह बीमारी तेजी से फैलती है।
क्लामाइडिया तथा अन्य जीवाणुओं के कारण आँख आती है।
बैक्टीरिया एवं वायरस के कारण या बरसात के मौसम में कीड़ों के काटने से भी होता है
मधुमेह, हाई बी. पी., हृदय रोग के कारण।
स्टीरायड का प्रयोग करने से।
तेज हवा आँखों में लगने या आँख में चोट लगने के कारण।
नेत्र रोग के घरेलु उपचार
आँखों की सुजन एवं जलन
सुबह की बासी लार काजल की तरह आँखों में लगायें।
सफेद प्याज का रस आँखों में लगाने से दर्द में कमी होती है।
त्रिफला चूर्ण, घी और शहद मिलाकर खाने से आँखों की बीमारी दूर होती है।
देशी गाय का घी आँख में लगाने से जलन दूर होती है।
गुलाब जल में फुली फिटकरी डालकर आँखों को धोने से जलन एवं सूजन समाप्त होती है। केवल गुलाब जल डालने से भी आँखों में राहत मिलती है।
बथुए के रस को 1-1 बूंद करके आँखों में डालें।
तुलसी के पत्तों का रस भी आँखों में डालने से लाभ होता है। इसी प्रकार बेल की पत्तियों का रस भी लाभप्रद है।
आँखो की किसी भी समस्या के लिए मुहँ की बासी लार आँखो में काजल की तरह लगाना है। आँखे लाल हो जायें उसके लिए भी मुहँ की लार लगायें। आँखे टेढ़ी (भेगांपन) हो तो भी उसके लिए सुबह की लार लगायें। शरीर में कोई भी दाग या धब्बा जैसे-जलने का दाग, सफेद दाग, काला दाग, एक्जिमा, सोराइसिस शरीर पर कोई भी घाव हो जाये जैसे-फोड़े फुंसी आदि इन सभी के लिए सुबह की बासी लार बहुत ही उपयोगी है। चश्मा चढ़ गया हो, आँखों में मोतिया बिन्द हो गया हो, कैट्रेक्ट हो गया हो, रेटिनल डिटैचमेन्ट हो गया हो इन सभी के लिए सुबह ही बासी लार और देशी गाय का गौमूत्र आँखों में डालें। आँखों में पानी आता हो, आँखों में खारिश होती हो तो सुबह की बासी लार बहुत उपयोगी होती है।
लार में वही एक्टिव इन्ग्रेडियंट है जो मिट्टी में पाये जाते हैं। आँखों की 20 से ज्यादा बीमारियाँ सुबह की बासी लार और गौमूत्र से ठीक होती हैं। गौमूत्र गर्भवती गाय का नहीं होना चाहिए अन्यथा आँखों में जलन हो जायेगी अर्थात गाय की बछिया जो माँ नहीं बनी है उसका गौमूत्र सबसे उत्तम है।