गुहेरी | Cavity

गुहेरी ( बिलनी ) होने के कारण ,लक्षण एवं उपचार 

 गुहेरी | बिलनी 



आँख की पलकों के ऊपर कोने में फुन्सी निकल आने को गुहेरी कहते हैं। यह एक गांठ की तरह होती है और हल्का-हल्का दर्द भी होता है। गुहेरी पलक के किनारे के पास होने वाली एक पीड़ादायक लाल गांठ या फुंसी है। गुहेरी को अंग्रेजी में) स्टाई (stye) या होर्डियोलम (Hordeolum) कहते हैं। यह समस्या पलक के बालों की जड़ में संक्रमण होने के कारण होती है। आंख में फुंसी लाल रंग की और पीड़ादायक हो सकती है, लेकिन आंख को कोई बड़ा नुकसान पहुंचाने का जोखिम पैदा नहीं करती हैं। आमतौर पर आंख की गुहेरी कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाती है। वहीं, कुछ मामलों में गुहेरी का संक्रमण फैल सकता है। इससे पूरी पलक संक्रमित हो सकती है यानी एक साथ कई फुंसियां (गुहेरी )हो सकती हैं

गुहेरी होने के कारण

बिलनी होने के कारण 


जननेन्द्रियों की सफाई न करने के कारण।

आंख में गुहेरी होने के लिए स्टैफिलोकोकस ऑरियस (Staphylococcus aureus) बैक्टीरिया मुख्य रूप से जिम्मेदार है।

स्टैफिलोकोकल बैक्टीरिया सामान्य रूप से त्वचा पर रहता है और कोई हानि नहीं पहुंचाता, लेकिन त्वचा के क्षतिग्रस्त होने पर यह जीवाणु संक्रमण का कारण बन सकता है। 

 नाक से निकलने वाले तरल को छूने के बाद आंख को रगड़ने से स्टैफिलोकोकल बैक्टीरिया पलक तक जा सकता है, जिससे गुहेरी की समस्या हो सकती है।

 सेबेशियस ग्रंथि के बंद होने पर भी गुहेरी जैसी दिखने वाली फुंसी पलकों पर हो सकती हैं।

सेबेशियस ग्रंथि बालों की जड़ (हेयर फॉलिकल्स) के आसपास पाई जाती हैं और सीबम नामक तैलीय पदार्थ का निर्माण करती है। सेबेशियस ग्रंथि के बंद होने पर सीबम का सामान्य बहाव नहीं हो पाता और ये त्वचा पर एकत्रित हो जाता है। त्वचा पर एकत्रित सीबम गुहेरी जैसी समस्या का कारण बना सकता है।


गुहेरी होने के लक्षण

बिलनी होने के लक्षण 

पलकों का लाल होना।

इसमें टपक के साथ दर्द होना

आँख में सूजन होना ।

पलकों में खुजली होना 

पलक झपकने में दर्द महसूस होता है 


गुहेरी का घरेलु इलाज 


 

बिलनी  की गांठ का इलाज

सुबह की बासी लार काजल की तरह आँखों में लगाये

लौंग को पानी में घिसकर लगाने से भी गुहेरी बैठ जाती है। रात में भिगोये हुए त्रिफला चूर्ण के पानी से आँखों को छप्पे मारकर धोयें। बीमारी में काफी लाभ होगा।

बकरी का दूध गुहेरी पर लगाने से आराम होता है।

गुलाब जल में छोटी हरड़ को घिसकर लेप करने से लाभ मिलता है।

अनार का रस आँखों में डालने से काफी लाभ होता है।

 छुआरे की गुठली को सिल पर घिसकर गुहेरी पर लगाएं।


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