बुखार का आयुर्वेदिक इलाज (bukhar ka ayurvedik ilaj)

बुख़ार कैसे आता है ?

बुखार के लक्षण 


बुखार आम तौर पर कीटाणुओ के संक्रमण से होता है कुछ  संक्रमण  में सफेद रक्त कोशिकाओं के साथ संपर्क में आने से बुखार आता है लू लगने से बुखार आ जाता है यह आमतौर पर गर्मियों में बच्चों को होता है 


बुकार का इलाज ( fever treatment )

 हारश्रृंगार के 5 पत्ते पत्थर पर पीसकर पानी में उबालकर पिए बुखार ठीक हो जाएगा जो बुखार किसी भी दवा से ठीक नहीं होता है वह इससे ठीक होता है

 जैसे- चिकनगुनिया का बुखार, डेंगू के बुखार, ब्रेन मलेरिया यह सब 15- 20 दिनों में ठीक हो जाते हैं


 10 पत्ते तुलसी के +3 से 4 काली मिर्च पत्थर पर  पीसकर चटनी बना ले और एक गिलास पानी में उबालकर पी ले बुखार ठीक हो जाएगा


 नीम की गिलोय को कुचल कर (छोटे-छोटे टुकड़े कर ले) पानी में उबाल लें और वही पानी पीले तो खराब से खराब बुखार भी ठीक हो जाएगा ( जितना पानी उबालने के लिए रखा था उसका आधा हो जाए तो  तब पीना चाहिए ) 

बुखार अधिक होने से प्लेटलेट खून में  कम होने लगते हैं उसमें सबसे ज्यादा काम आती है गिलोय


10 से 15 तुलसी के पत्ते + 10 से 15 नीम के पत्ते पत्थर पर कूट कर चटनी बना ले और एक गिलास पानी में आधा होने तक उबालें फिर पीले बुखार ठीक हो जाएगा


 ब्रेन मलेरिया , टाइफाइड, चिकनगुनिया, डेंगू, स्वाइन फ्लू, इन्सेफेलाइस, माता वा अन्य के बुखार |




20 तुलसी के पत्ते, नीम की गिलोय का सत  5 ग्राम, सोंठ(सुखी अदरक) 10 ग्राम, 10 छोटी पीपर के टुकड़े सब को कूटकर काढ़ा बना ले सुबह दोपहर शाम तीनों समय लेना चाहिए


डेंगू के बुखार में पपीते के पत्ते का रस 2-2 चम्मच दिन में तीन बार  देना है साथ में बकरी का दूध देना और भी लाभदायक रहता है


चिकनगुनिया (बुखार) 

तुलसी के काढ़े में नीम की गिलोय + सोंठ +  छोटी पीपर, थोड़ी-थोड़ी डाल दें और थोड़ा  गुड डाल दें तीन खुराक में चिकनगुनिया ठीक हो जाएगी 




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