लकवा ( पक्षाघात ) के लक्षण
लकवा कैसे होता है?
लकवा (पक्षाघात ) होने पर रोगी का आधा शारीर संवेदनहीन हो जाता है यह रोग प्रायः पेट में अधिक गैस बनने से , दिमाग पर वायु का दबाव पड़ने और हृदय पर वायु का दबाव बढ़ने से शारीर पर वायु का झटका लगता है इसी के परिणाम स्वरुप व्यक्ति लकवा का शिकार हो जाता है स्नायु शिथिल हो जाते है शारीर का आधा भाग टेढ़ा हो जाता है उस भाग में सुन्नता रहती है तथा छूने पर कोई संवेदना नही होती दिमाग भी काम करना बंद कर देता है इसके घरेलु उपचार इस प्रकार है -
लकवा का देशी इलाज
पक्षाघात का रामबाण इलाज
गाय का घी 2 - 2 बूँद रात में सोते समय थोडा गर्म करके नाक में डाल ले इससे लकवा में बहुत लाभ होता है क्योकि मस्तिष्क (दिमाग ) में जमें हुए खून की निकालने की ताकत देशी गाय के घी में है
राई और अकरकरा को बराबर मात्रा में पीसकर चूरन बना ले तथा उसे शहद में मिलाकर पेस्ट बना ले और दिन में 3 तीन बार जीभ पर मलें लकवे की शिकायत दूर होती है
250 ml देशी गाय के दूध में 8 से 10 लहसुन की कलियाँ डालकर तब तक उबाले जब तक गाढ़ा न हो जाये गाढा होने पर रोगी को पिलायें इससे बीमारी में आराम मिलता है
सौंठ और उड़द को उबालकर उसका पानी पीने से लकवे में काफी आराम मिलता है
एक चम्मच कपास की जड़ का चूरन बना ले फिर उसको शहद में मिलाकर चाटने से बहुत ही आराम मिलता है
लहसुन की 5 से 6 कच्ची कलियाँ ले ले फिर उसको बारीक पीसकर शहद में मिलाकर चाटें
उड़द और कौंच के बीच और एरंड की जड़ + बला + हींग + सेंधा नमक और थोड़ा सा शहद सभी को बराबर मात्रा मिलाकर काढा बनाये और रोगी को पिलाये इससे लकवे में बहुत आराम मिलता है
250 ग्राम सरसों का तेल में थोड़ी काली मिर्च पीसकर सरसों के तेल में मिला ले और फिर उसे लकवे वाले स्थान पर मालिश करे
सन के बीज का चूर्ण बनाये और फिर शहद में मिलाकर रोगी को चटायें यह बहुत ही लाभ दायक है
कुचला ( कजरा ) के पत्तो ,सांभर का सींग तथा सौंठ ले ले और फिर तीनों को बराबर मात्रा में मिलाकर पानी के साथ पिए और लकवे वाले स्थान पर लगाए
तुलसी के 8 से 10 पत्ते + सेंधा नमक और साथ में दही मिलाकर चटनी बनाकर लकवे वाले स्थान पर लगाये इससे लकवे में बहुत आराम मिलता है
लकवे की होम्योपैथिक दवा
Rhus.Tox. - 30 को 15 - 15 मिनट पर 3 बार 2 - 2 बूँद जीभ पर रोगी को दें इसे कम से कम एक महीने तक सुबह , दोपहर , शाम को दें
Causticum-1m को हर दुसरे दिन 2 - 2 बूँद तीन बार दें आधे घंटे या पौन घंटे के अंतर पर एक हफ्ते में एक दिन देनी चाहिए दो से तीन महीने में पूरी तरह ठीक हो सकता है रोगी को हमेशा शाकाहारी भोजन दे चाय और काफी रोगी को कभी मत दें