दाद, खाद, खुजली का आयुर्वेदिक इलाज(ayurvedik treatment for ringworm, eczema, itching)

 दाद क्यों होते है ?
दाद के लक्षण 

दाद का रोग अपच होने , लू लगने , खून में विकार रहने साबुन , चूने का अत्याधिक उपयोग करने मां के दूध में खराबी होने से तथा स्त्रियों में मासिक धर्म में गड़बड़ी की वजह से होता है यह रोग हाथ , पैर , मुंह  , कोहनी  , गर्दन , पेट . या फिर गुप्त अंग के जांघों के पास या कही भी हो सकता है लाल -लाल फुंसियाँ शारीर पर हो जाती है और कहीं - कहीं पर चकत्ते भी हो जाते है यह चकत्ते धीरे - धीरे  फैलने लगते है इसे ही दाद कहते है इसके घरेलु उपाय इस तरह है 



दाद का इलाज एवं घरेलु उपचार 

सबसे पहले अत्यधिक मिर्च मसाला , मिठाई , , तेल और आचार , और खट्टी चींजे बंद कर देना चाहिए क्योंकि यह सब रोग को  बढाता है पेट साफ रखे और कब्ज न होने दे 

पपीता का कच्चा दूध शहद में मिलाकर लगाने से दाद में काफी आराम मिलता है 

नींबू के रस में  सुहागे को मिलाकर  लगाने से  दाद समाप्त हो जाती है


 नींबू का छिलका दाद पर लगाने से काफी आराम मिलता है


 नींबू और तुलसी के पत्तों कारक बराबर मात्रा में मिलाकर दाद पर लगाएं


दाद पर पहले शुद्ध देसी गाय का घी मले और उस पर सूखा हुआ चूना पाउडर डालें


 बेशर्म  के पौधे का दूध  दाद के ऊपर लगाने से जल्दी ठीक होता है


तुलसी के पत्तों का रस उसमें थोड़ा नमक मिलाकर सुबह शाम लगाएं


 सुबह उठते ही अपना  बांसी थूक दाद पर लगाने से  दाद नष्ट होता है


 दूध और हल्दी को पीसकर   लेप बनाएं और  दाद पर लगाएं


हल्दी को पानी में घिसकर लेप  बनाएं और  दाद पर लगाए




नोट;-  नहाने के बाद जांघों को अच्छे से साफ़ करके उस पर शुद्ध नारियल का तेल लगाने से कभी भी दाद, खाद, खुजली नहीं होती


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