पायरिया होने का कारण , लक्षण ,एवं उपचार
पायरिया रोग काफी हानिकारक है। प्रतिदिन दाँतों की सफाई न होने से अन्न के कण दाँतों में सड़न पैदा करते हैं। मसूड़ों को जरा सा दबाने से या ब्रश करने पर या मंजन करने पर खून निकलता है। यदि ध्यान न दें तो यह रोग काफी बढ़ जाता है तथा दांत निकालने भी पड़ सकते हैं। पायरिया मसूड़ों में होने वाली बीमारी है। जब दाँत की जड़ के पास खाने के अंश फस जाते हैं जो बैक्टीरिया के कारण धीरे-धीरे सड़ जाते हैं। जिससे मसूड़े में पस भर जाता है और सूजन आ जाती है। यह क्रिया इतनी धीमी होती है कि रोगी को इसका तुरन्त पता नहीं चलता
पायरिया होने का कारण
दाँतो की नियमित
सफाई न करने या रेशेदार भोजन न करने से।
खाना चबाकर न खाने से या चीनी का अधिक सेवन करने से।
जंक फूड, कोल्ड ड्रिंक्स और चाय-कॉफी अधिक मात्रा में सेवन करने से।
गुटखा या तम्बाकू का सेवन करने से
तीखा व मिर्च मसालेदार भोजन ज्यादा करने से।
गर्भावस्था में पौष्टिक आहार न खाने से।
फ्रिज का ठण्डा पानी पीने या फ्रिज में रखी हुई चीजें खाने या अधिक आइस्क्रीम खाने से।
पायरिया के लक्षण
मसूड़ों में सूजन व दर्द होना या मुँह से बदबू आना या मसूड़ों से खून आना।
दाँतों में ठण्डा गरम महसूस होना या दाँतों का हिलना।
पायरिया का आयुर्वेदिक इलाज
पायरिया को एक हफ्ते में ख़त्म करे देशी इलाज
भुनी फिटकरी 50 ग्राम, हल्दी 50 ग्राम, सेंधा नमक 50 ग्राम, लौंग 25 ग्राम, काली मिर्च 25 ग्राम का चूर्ण बनाकर रोज शुद्ध सरसों के तेल में मिलाकर ऊंगली से मंजन की तरह प्रयोग करें।
पीपल की ताजी दतून करने पर दांत मजबूती से जम जाते हैं।
कत्था + मालश्री की छाल नीम + की छाल + सेंधा नमक + दो लौंग सभी को समान मात्रा में लेकर बारीक चूर्ण बना लें और दांतों में मंजन की तरहलगायें।
नीम की कोमल पत्तियाँ, कालीमिर्च, और काला नमक का पाउडर बनाकर प्रतिदिन प्रातःकाल सेवन करने से लाभ होता है।
लटजीरा / चिचहिड़ की दातून करें। पायरिया में अत्यन्त लाभकारी है।