बवासीर,भगंदर का इलाज (piles ka ilaj )

 बवासीर होता कैसे है ?

 पाइल्स के लक्षण 



यह रोग मुख्यता  कब्ज के कारण होता है जिन लोगों को कब्ज की शिकायत लंबे समय तक रहती है उनको  मुख्यता यह रोग होता है अत्यधिक बैठे रहने से भी  यह रोग होता है बवासीर दो तरह के होते हैं 

पहला  खुनी बवासीर  और

दूसरा बादी  बवासीर 

इस रोग में मल बहुत कठिनाई से निकलता है और मल के साथ खून भी निकलता है अत्यधिक तीखा, मसालेदार और चिकना भोजन करने से या रोग बहुत ज्यादा बढ़ता है इसलिए बवासीर वाले  रोगी को खाने में हरी सब्जी और सलाद का प्रयोग बहुत अधिक मात्रा में करनी चाहिए तथा  तीखें मसाले और अत्यधिक खट्टी चीजों का उपयोग नहीं करना चाहिए पाइल्स के घरेलू उपचार बहुत है


पाइल्स का इलाज 

आंवले का चूर्ण 1 तोला सुबह-शाम शहद के साथ लेने पर बवासीर में बहुत आराम मिलता है


आंवले का चूर्ण दही के साथ खाने पर आराम मिलता है


मूली का रस और काला नमक एक गिलास पानी में  मिलाकर पीने से बहुत आराम मिलता है


 10 ग्राम त्रिफला चूर्ण शहद के साथ चाटे यह बहुत आरामदायक है


 एक चम्मच मेथी के बीज को पीसकर 300ml बकरी के दूध में गर्म करें इसमें एक चम्मच पिसी हल्दी और एक चुटकी काला नमक भी मिला दे और दूध ठंडा होने के बाद पिए यह बवासीर, भगंदर में बहुत ही लाभदायक होता है




 रोज सुबह खाली पेट बिना  कुछ भी खाए 3-4 पके हुए बीज वाले अमरूद खाने से बवासीर में काफी लाभ मिलता है


रोज  सुबह शाम बकरी का दूध पीने से बवासीर में काफी लाभ मिलता है 


रोज सुबह दो करेले  को अच्छे से पीसकर रस निकाल ले और इसमें मिश्री मिलाकर पीने से बहुत आराम मिलता है


कद्दू( काशीफल)  का रस सभी तरह की बवासीर में बहुत ही ज्यादा लाभदायक होता है


शाम को एक केले में चने के दाने के बराबर कपूर के टुकड़े टुकड़े करके केले में दबा दें और सुबह उठते ही  उस  केले को खा ले और इसके साथ आधा कप  देसी गाय का गोमूत्र रोज पीने से बिना ऑपरेशन के बवासीर ठीक हो जाती है 


बवासीर भगंदर पर लेप

पाइल्स पर लेप |


नीम और कनेर के पत्तों का लेप  बवासीर के मस्सों पर लगाएं  यह बहुत ही लाभदायक है


 नीम का तेल बवासीर वाली जगह पर लगाने से बहुत  आराम मिलता है

हल्दी और कड़वी तोरई को  एकदम महीन पुष्कर उसका लेप  बवासीर, पाइल्स वाली जगह परलगाने से आराम मिलता है


पाइल्स का होम्योपैथिक इलाज (piles ka homyopaithik ilaj)


नक्स वोमिका - 200 रोज शाम को , जीभ पर एक बूंद भोजन के आधे घंटे के बाद लेना है और सल्फ़र - 200 सप्ताह में एक दिन सुबह , दोपहर , शाम एक-एक बूँद लेना है

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